लेखक:
जनार्दन हेगडे
जनार्दन हेगडे (जन्म : 1955 देवाडाकेरी, उत्तर कनारा, कर्नाटक)। आपने कर्नाटक सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड, बेंगलुरू और राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ तिरुपति से शिक्षा शास्त्री की उपाधि प्राप्त की। आप को संस्कृत, कन्नड, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं का ज्ञान है। आप 2005 से संस्कृत मासिक संभाषण संदेश के संपादक हैं। आपने संस्कृत व्याकरण, संस्कृत में रचना लेखन और कन्नड उपन्यासों का संस्कृत में अनुवाद किया है। संस्कृत व्याकरण की विविध पुस्तकों के अतिरिक्त आपके अनेक संस्कृत उपन्यास, गीत और कथा-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। आपको एस.एल. भैरप्पा के कन्नड उपन्यास के संस्कृत अनुवाद धर्मश्री के लिए साहित्य अकादेमी का अनुवाद पुरस्कार (2005) प्राप्त हो चुका है। मीरा द्विवेदी (जन्म : 1964) दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में कार्यरत। इससे पूर्व वनस्थली विद्यापीठ, राजस्थान में अपना अध्ययन समाप्त करने के बाद वहीं 22 वर्षों तक अध्यापन। आपकी 10 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकीं है। काश्मीरकन्दनम् कश्मीर में व्याप्त आतंकवाद की समस्या पर केंद्रित समसामयिक मौलिक संस्कृत एकांकी-संग्रह है। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, राजस्थान संस्कृत अकादमी, कालिदास अकादमी , उज्जैन आदि द्वारा लेखन के लिए पुरस्कृत हैं। |
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सत्तर बाल कहानियाँजनार्दन हेगडे
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